पद्मनाभास्वामी मंदिर – तिरुवनंतपुरम, केरल: अद्भुत तथ्य, इतिहास और जानकारी

पद्मनाभास्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम, भारत के केरल राज्य का एक अद्भुत धार्मिक स्थल है। यह मंदिर न केवल अपने वास्तुकला के कारण बल्कि इसके इतिहास और धार्मिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध है। हिन्दू धर्म में यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो अपने अनमोल आभूषणों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है।

इतिहास

पद्मनाभास्वामी मंदिर का इतिहास प्राचीन है। इसके निर्माण की तारीख को लेकर कई मत हैं, लेकिन अधिकांश इतिहासकार इसे 8वीं सदी का मानते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की अद्वितीय प्रतिमा है, जो ‘ओरुमिलिया पादर’ के नाम से भी जानी जाती है। यह प्रतिमा 18 फीट लंबी है और इसे नीले पत्थर से बनाया गया है।

मंदिर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है, जिनमें ‘नैवेद्य विद्या’ और ‘स्कंद पुराण’ शामिल हैं। यह कहा जाता है कि मंदिर की देखरेख Travancore राजाओं द्वारा की जाती थी, जो इस मंदिर की संपत्ति और सुरक्षा सुनिश्चित करते थे।

आर्किटेक्चर

पद्मनाभास्वामी मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय और आकर्षक है। मंदिर का मुख्य पुंजीकरण कपिल के द्वारा किया गया था, और इससे जुड़े विभिन्न शिल्पकारों ने इसे भव्यता दी है। मुख्य गर्भगृह और उसके चारों ओर विभिन्न मंडप इसे और भी सुंदर बनाते हैं। यहां पर अनेक पत्थरों के शिल्प और चित्रित दीवारें हैं, जो मंदिर की समृद्धि को दर्शाती हैं।

मंदिर की स्थापत्य शैली मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय शिल्पकला पर आधारित है। यहाँ की छतें बुनाई के तरीके से बनाई गई हैं, और इन पर सुंदर चित्रकारी की गई है। अद्वितीय रूप से निर्मित दरवाजे और खिड़कियाँ इसे और भी आकर्षित बनाते हैं।

धार्मिक महत्व

पद्मनाभास्वामी मंदिर हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। विशेषकर, श्रावण मास में यहाँ एक विशेष मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तजन भगवान की आराधना करते हैं और अपने मन की इच्छाएँ पूर्ण करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

मंदिर में प्रचलित कुछ प्रमुख अनुष्ठान में उत्तर नवरात्रि, मकर संक्रांति, और वट पूर्णिमा शामिल हैं। इन समारोहों के दौरान भक्तजन विशेष पूजा, भजन और आरती करते हैं, जो कि पूरे वातावरण को अध्यात्मिक बना देती है।

अभूतपूर्व खजाना

पद्मनाभास्वामी मंदिर का एक और अविश्वसनीय पहलू इसका खजाना है। यह मंदिर विश्व के सबसे समृद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। यहाँ पर ऐसे खजाने पाए गए हैं जो अरबों रुपए के मूल्य के हैं। सांस्कृतिक धरोहर के रूप में इस खजाने में सोने, चांदी और रत्नों की विशेष सामग्रियाँ शामिल हैं।

2011 में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के खजाने की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। इस दौरान विशेष रूप से धन और आभूषणों की एक बड़ी संख्या का पता चला, जिसने इस मंदिर को और भी प्रसिद्ध बना दिया। इस खजाने की गणना के दौरान यह ज्ञात हुआ कि इसमें सोने की कई हजार किलो की मूर्तियाँ और अन्य आभूषण शामिल हैं।

विशेष सुविधाएँ

पद्मनाभास्वामी मंदिर आस्था और जीवन का मिलता-जुलता स्थान है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। मंदिर की परिसर में भोजनालय, विश्रामगृह, और स्नानागार जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई पारिस्थितिकी उपाय भी किए हैं। यहाँ की सफाई और व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता है, ताकि भक्तों का अनुभव और भी सुखद हो सके।

कैसे पहुँचें

पद्मनाभास्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम में स्थित है, जो राज्य की राजधानी है। यहाँ पहुँचने का सबसे सही तरीका हवाई, रेल या सड़क मार्ग से यात्रा करना है। तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट देश के विभिन्न शहरों से कनेक्टेड है। इसके अलावा, स्थानीय ट्रेनों और बसों के माध्यम से भी यहाँ पहुंचा जा सकता है।

संक्षेप में

पद्मनाभास्वामी मंदिर केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि यह एक अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर भी है। यहाँ की भव्यता, अद्वितीय वास्तुकला, अनुपम खजाना, और साधनाओं की विस्तृत श्रृंखला इसे एक विशेष स्थान प्रदान करती है। इस मंदिर की यात्रा केवल एक धार्मिक अनुभव ही नहीं, बल्कि एक अद्भुत ऐतिहासिक यात्रा भी है।

यदि आप केरल की यात्रा कर रहे हैं, तो पद्मनाभास्वामी मंदिर अवश्य देखें। यहाँ की ज़िन्दगी और आस्था आपको एक नई दिशा में प्रेरित करेगी।

आप अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जा सकते हैं: https://en.wikipedia.org/wiki/Sree_Padmanabhaswamy_Temple

Similar post

By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *