लोटस टेम्पल – दिल्ली: अनजान तथ्य, इतिहास और जानकारी

दिल्ली, भारत की राजधानी, अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर में अनेक भव्य इमारतें और स्मारक हैं, लेकिन उनमें से एक ऐसी जगह है जो न केवल अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए बल्कि अपने गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। हम बात कर रहे हैं ‘लोटस टेम्पल’ की। यह मंदिर अपनी खूबसूरत कमल के फूल के आकार के लिए जाना जाता है और विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए एक शांतिपूर्ण ध्यान केंद्र बना हुआ है।

इतिहास

लोटस टेम्पल, जिसे ‘भगवान के प्रेम का मंदिर’ भी कहा जाता है, 1986 में बनकर तैयार हुआ। इसे बही गणेशु वेंकट, जो कि एक प्रमुख वास्तुकार थे, द्वारा डिजाइन किया गया था। इसकी नींव 1976 में रखी गई थी और इसका निर्माण 10 वर्षों के भीतर पूरा हुआ। यह टेम्पल बहाई धर्म के अनुयायियों के लिए एक पूजा स्थल के रूप में जाना जाता है। बहाई धर्म एक नया और तेजी से बढ़ता हुआ धर्म है, जिसे 19वीं शताब्दी में ईरान में स्थापित किया गया था।

संरचना और वास्तुकला

लोटस टेम्पल की संरचना अद्वितीय और आकर्षक है। इसे कमल के फूल की आकृति में डिज़ाइन किया गया है, जो भारतीय संस्कृति में पवित्रता और शांति का प्रतीक है। इस टेम्पल की कुल 27 शीट मेटल पंखुड़ियाँ हैं जो इसे खिलते हुए कमल का रूप देती हैं। इसे कांगड़ और सीमेंट से बनाया गया है और इसकी ऊँचाई लगभग 34 मीटर है। यहाँ के आस-पास का क्षेत्र भी बहुत सुंदर है, जिसमें झीलें, बाग और आकर्षक उद्यान शामिल हैं।

अनजान तथ्य

लोटस टेम्पल के बारे में कई रोचक तथ्य हैं, जिनसे शायद आप अनजान होंगे:

  • धार्मिक सहिष्णुता: लोटस टेम्पल सभी धर्मों के लिए खुला है। यहाँ कोई भी व्यक्ति, किसी भी धर्म का अनुयायी, अपने आध्यात्मिक सफर पर आ सकता है।
  • समुदाय सेवा: टेम्पल में कई समाज सेवा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संवर्धन।
  • संगीत कार्यक्रम: लोटस टेम्पल में समय-समय पर संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य मानवता की एकता को प्रोत्साहित करना है।
  • सादगी का महत्व: यहाँ किसी प्रकार की पूजा या अनुष्ठान नहीं होते, जिसमें कोई विशेष कर्मकांड शामिल होता है। यहाँ केवल ध्यान और प्रार्थना का महत्व है।
  • पर्यावरणीय महत्व: लोटस टेम्पल के चारों ओर का क्षेत्र बाग-बागीचों से भरा हुआ है, जो इसे एक हरित स्थान बनाता है। यहाँ की जलवायु भी स्थानीय जीव-जंतुओं के लिए अनुकूल है।

लोटस टेम्पल की विशेषताएँ

लोटस टेम्पल की कुछ विशेषताएँ हैं जो इसे अन्य धार्मिक स्थलों से अलग बनाती हैं:

  • शांतिपूर्ण वातावरण: यहाँ की शांति और शांति का अनुभव करने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं। यहाँ पर बैठकर ध्यान करना एक अद्भुत अनुभव होता है।
  • ज्ञान की खोज: यहाँ कोई भी व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासा की पूर्ति के लिए आ सकता है। यह अध्ययन और विचार-विमर्श के लिए एक आदर्श स्थान है।
  • विभिन्न भाषाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रम: लोटस टेम्पल में हाल ही में ‘संस्कृति और भाषा’ से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें विभिन्न भाषा भाषियों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया गया है।

लोटस टेम्पल की यात्रा कैसे करें?

लोटस टेम्पल दिल्ली के भव्य स्थानों में से एक है और यहाँ पहुँचने के लिए कुछ सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ पहुँचने के लिए आप मेट्रो, बस या कार का उपयोग कर सकते हैं। टेम्पल का पता है ‘Lotus Colony, Bahapur, New Delhi, Delhi 110044’। यहाँ का खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से रात 7:00 बजे तक होता है।

प्रमुख नोट्स

लोटस टेम्पल पहुँचने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • यहाँ पर जूते उतारना अनिवार्य है।
  • सभी प्रकार की धार्मिक प्रतीकों को यहाँ ले जाने की अनुमति नहीं है।
  • पानी और खाने की अनुमति नहीं है, इसलिए यात्रा से पहले इनका ध्यान रखें।

निष्कर्ष

लोटस टेम्पल न केवल अपनी अद्वितीय वास्तुकला के लिए बल्कि अपने गहरे आध्यात्मिक मूल्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह स्थल न केवल भक्ति का केंद्र है बल्कि एक ऐसा स्थान है जहाँ व्यक्ति शांति और समर्पण के साथ अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है। यहाँ आएँ, और इस सुंदरता और शांति के अनुभव का आनंद लें।

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By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

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