खजुराहो मंदिर – मध्य प्रदेश: अद्भुत तथ्य, इतिहास और जानकारी

भारत का मध्य प्रदेश राज्य अपने ऐतिहासिक स्थलों और अद्भुत मंदिरों के लिए मशहूर है। इनमें से एक प्रमुख स्थल है खजुराहो, जो अपने अद्वितीय वास्तुशिल्प और भगवान के प्रति भक्ति को दर्शाने वाले अद्भुत शिल्प नक्काशियों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो के मंदिरों का निर्माण लगभग 950 से 1050 ईस्वी के बीच चंदेल सम्राटों द्वारा किया गया था। आइए, हम खजुराहो मंदिरों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों, उनके इतिहास और अन्य जानकारी पर चर्चा करते हैं।

खजुराहो का महत्त्व

खजुराहो के मंदिर विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। यहाँ के मंदिर अपने जटिल और अद्वितीय नक्काशियों, विस्तृत आकृतियों एवं बेजोड़ वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। खजुराहो में 85 से अधिक मंदिर थे, जिनमें से आज केवल 22 संरक्षित हैं। इन मंदिरों में खास बात यह है कि इनमें धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है।

इतिहास का अद्भुत प्रसंग

खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश के दौरान हुआ, जब उनके साम्राज्य का विस्तार मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र तक हुआ। चंदेल शासकों ने अपनी शक्ति स्थापित करने के लिए भव्य और दिव्य मंदिरों का निर्माण किया। ये मंदिर मुख्य रूप से दो धर्मों, हिंदू और जैन, को समर्पित थे। जैन मंदिरों में कर्णेश्वर और पार्श्वनाथ मंदिर प्रमुख हैं, जबकि हिंदू मंदिरों में कंदरिया महादेव, लक्ष्मणा मंदिर और देवी मंदिर शामिल हैं।

अद्भुत वास्तुकला

खजुराहो के मंदिरों की वास्तुकला में विशेषताएँ हैं। यहाँ के मंदिर उच्चतम वास्तुशिल्प के उदाहरण पेश करते हैं। उन्हें पत्थर के विशाल ब्लॉक्स से बनाया गया है, जो सुरम्य रूप से काटे गए हैं। प्रत्येक मंदिर की दीवारें और स्तंभ जटिल नक्काशियों और मूर्तियों से भरे हुए हैं। ये मूर्तियाँ विभिन्न विषयों को दर्शाती हैं, जैसे कि संगीत, नृत्य, प्रेम, और जीवन के विभिन्न पहलुओं। यहाँ की मूर्तियों में मानवता का विस्तृत वर्णन किया गया है।

खजुराहो का अद्भुत स्थापत्य

खजुराहो के मंदिरों में अद्वितीय स्थापत्य विशेषताएँ हैं, जैसे कि शिखर और मंडप। प्रत्येक मंदिर में एक मुख्य गर्भगृह होता है, जहां देवता की मूर्ति स्थापित की जाती है। मंदिरों का प्रवेश द्वार भव्य और आकर्षक होता है। यहाँ आपको कई चित्र और मूर्तियाँ देखने को मिलेंगी जो धार्मिक एवं सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं। खजुराहो की मूर्तियाँ केवल धार्मिक विषयों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें प्रेम, रति और संगीत का भी चित्रण मिलता है।

मंदिरों की मिश्रित शैली

खजुराहो के मंदिरों में विभिन्न वास्तुकला की शैलियाँ समाहित हैं। इनमें नॉर्थ इंडिया के मंदिरों की शैलियों का मिश्रण होता है, जैसे कि नागर और डेक्कन शैली। यहाँ की मूर्तियों का निर्माण लघु आकृतियों से लेकर विशाल आकृतियों तक किया गया है। इन मंदिरों में अद्भुत नक्काशियां हैं जो प्रेम और सौंदर्य के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं।

संरक्षण और संरक्षण प्रयास

हालांकि खजुराहो के मंदिरों की संरचना समय के साथ कमजोर होने लगी थी, लेकिन भारत सरकार और यूनेस्को द्वारा संरक्षण के कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन मंदिरों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए नियमित सफाई और मरम्मत कार्य किया जा रहा है। यह प्रयास सुनिश्चित करते हैं कि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन अद्भुत शिल्प कृतियों का आनंद ले सकें।

खजुराहो का पर्यटन

खजुराहो न केवल ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ का पर्यटन भी बहुत बढ़ा हुआ है। हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करने वाले खजुराहो में वार्षिक नृत्य महोत्सव आयोजित होता है। इस महोत्सव में भारतीय classical dance के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन किया जाता है। यह विशेष कार्यक्रम खजुराहो के मंदिरों के अद्भुत दृश्य के बीच आयोजित किया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

उपसंहार

खजुराहो के मंदिर केवल स्थापत्य कला के लिए नहीं, बल्कि इसमें समाहित संस्कृति और परंपरा के लिए भी जाने जाते हैं। इन मंदिरों की अद्भुत वास्तुकला और नक्काशी भारतीय इतिहास और संस्कृति की अनुपम मिसाल हैं। यदि आप यात्रा के शौकीन हैं और भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि रखते हैं, तो खजुराहो आपके लिए एक अद्भुत स्थल है। यहाँ आकर, आप ना केवल मंदिरों की सुंदरता को देख पाएंगे, बल्कि भारतीय इतिहास और कला के अनमोल धरोहर को भी महसूस कर पाएंगे।

खजुराहो मंदिरों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ जा सकते हैं: https://www.india.gov.in/khajuraho-temples

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By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

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