इंडिया गेट – दिल्ली: अद्भुत तथ्य, इतिहास और जानकारी

दिल्ली की शान और गौरव का प्रतीक, इंडिया गेट, केवल एक मेमोरियल नहीं बल्कि भारतीय इतिहास का एक जीवंत भाग है। यह गेट देश के वीर सैनिकों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी। इस ब्लॉग में हम इंडिया गेट के अद्भुत तथ्य, इतिहास और अन्य दिलचस्प जानकारियों पर चर्चा करेंगे।

इंडिया गेट का इतिहास

इंडिया गेट का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और इसे 1931 में पूरा किया गया। इसका डिजाइन सर एडविन लुटियन्स द्वारा किया गया था, जो ब्रिटिश राज के दौरान मशहूर आर्किटेक्ट थे। यह गेट 42 मीटर ऊँचा है और इसके चारों ओर बाग-बगिचे और चौड़ी सड़कों का सुंदर परिदृश्य है। इसे भारतीय सेना के सैनिकों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने विश्व युद्ध I और तीसरे AFMC युद्ध में अपनी जान गवाई।

इंडिया गेट का निर्माण और डिजाइन

इंडिया गेट का निर्माण लाल बलुआ पत्थर और क्रीम रंग के पत्थर से हुआ है। इसका डिजाइन आर्किटेक्चर में भारतीय और रोमन शैली का मिश्रण है। गेट के चारों ओर स्मारक पर विभिन्न भाषाओं में शहीदों के नाम लिखे गए हैं। यहां पर हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त को प्रमुख समारोह आयोजित होते हैं, जिनमें भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

इंडिया गेट के आसपास का क्षेत्र

इंडिया गेट के आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल बन चुका है। यहां पर लोग परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने आते हैं। इंडिया गेट के पास की सुविधाएं जैसे कि भोजन स्टॉल, चॉकलेट और आइसक्रीम की दुकानों की भरपूरता इसे आकर्षक बनाती है। यहां रात के समय लाइटिंग होते ही गेट की सुंदरता अद्भुत हो जाती है।

अद्भुत तथ्य जो आपको जानने चाहिए

  • इंडिया गेट का स्थायी नाम ‘अंपायर गेट’ था, लेकिन इसे 1950 में इंडिया गेट रखा गया।
  • यहां पर ‘अमर जवान ज्योति’ नाम का एक अलौकिक ज्वाला स्थल भी है, जो शहीदों की शहादत का प्रतीक है।
  • इंडिया गेट पर हर साल गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसमें देश की विविधीकरण को दर्शाया जाता है।

विशेष कार्यक्रम और उत्सव

इंडिया गेट पर अनेक विशेष आयोजनों का आयोजन किया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान, यह गेट एक प्रमुख आकर्षण बन जाता है। यहां पर दिखाए जाने वाले विभिन्न झांकियां, फौजी परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ, यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्भुत प्रदर्शन होता है।

कैसे पहुँचे इंडिया गेट?

दिल्ली में स्थित होने के कारण, इंडिया गेट तक पहुंचना आसान है। मेट्रो की सेवा, बसें और टैक्सी सेवा इसे यात्रा के लिए बहुत सुविधाजनक बनाती हैं। राजपथ पर स्थित होने के कारण, इंडिया गेट का स्थान दिल्ली के कई प्रमुख स्थलों के करीब है।

सीमार्चित संस्कृति

इंडिया गेट केवल इतिहास का प्रतीक नहीं है; यह दिल्ली की संस्कृति और जीवनशैली का भी प्रतीक है। यहां पर हर दिन हजारों लोग आते हैं, जो न केवल अपने देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हैं, बल्कि इसे देखने का अनुभव भी लेते हैं।

इंडिया गेट का महत्व

इंडिया गणतंत्र का प्रतीक है, जो स्वतंत्रता, साहस और बलिदान का संदेश देता है। आज, इंडिया गेट न केवल एक स्मारक है, बल्कि यह लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है, जहाँ पर मेला-त्यौहार, परेड और मिलनसारियों के अवसर मनाए जाते हैं।

निष्कर्ष

इंडिया गेट न केवल एक स्मारक है, बल्कि यह हमारा गर्व और हमारी पहचान का प्रतीक है। यह इतिहास और संस्कृति के धरोहर का एक जीवंत उदाहरण है। यहां पर आकर हमें हमारे सैनिकों के बलिदान को याद करना चाहिए और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।

अंत में, अगर आप दिल्ली में हैं या आने का विचार कर रहे हैं, तो इंडिया गेट का दौरा अवश्य करें और यहां की सुंदरता और इतिहास का पूरा अनुभव लें।

अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं: https://www.tourism-of-india.com/india-gate-delhi.html

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By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

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