दिलवाड़ा मंदिर – Mount Abu, राजस्थान: अद्भुत तथ्य, इतिहास और जानकारी

राजस्थान के पर्वतीय नगर माउंट आबू में स्थित दिलवाड़ा मंदिर, जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसकी भव्यता और सुंदरता इसे भारतीय धरोहर का अमूल्य हिस्सा बनाती है। इस लेख में हम दिलवाड़ा मंदिर के इतिहास, वास्तुकला, तथ्यों और कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पर विचार करेंगे।

इतिहास

दिलवाड़ा मंदिर का निर्माण 11वीं और 13वीं सदी के बीच किया गया था। इसे मुख्यतः रावल समर्पाल द्वारा बनवाया गया, जो एक प्रसिद्ध जैन शासक थे। इस समय में जैन धर्म ने अपने सुनहरे युग का अनुभव किया जब कई धनवान जैन व्यापारियों ने भव्य मंदिरों का निर्माण किया। दिलवाड़ा मंदिर के निर्माण का उद्देश्य जैन तीर्थंकरों की पूजा करना और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करना था।

दिलवाड़ा मंदिर का प्रमुख मंदिर “कुंडलिया मंदिर” है, जो भगवान आदिनाथ को समर्पित है। इसकी वास्तुकला और शिल्पकला अद्भुत है और इसे भारतीय जैन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है।

वास्तुकला

दिलवाड़ा मंदिर की वास्तुकला इस बात का दर्शक है कि जैन शिल्पकला में कितनी बारीकी और पूर्णता होती है। यहां के मंदिर संगठित रूप में बने हैं और प्रत्येक मंदिर की अपनी विशेषता है।

– **संगमरमर की शिल्पकला**: दिलवाड़ा मंदिर में प्रयुक्त संगमरमर की चट्टानें न केवल मज़बूत होती हैं बल्कि इनमें अद्वितीय शिल्पकारी भी देखने को मिलती है। हर एक पत्थर का उपयोग इतनी अध्यवसाय से किया गया है कि मंदिर का हर स्थान सजावट से भरा हुआ है।

– **कला और शिल्प**: मंदिर की दीवारों पर जटिल नक्काशी की गई है, जिसमें धार्मिक चित्र, फूल, और अन्यों के आमने-सामने के चित्र शामिल हैं।

– **चारों ओर का वातावरण**: मंदिर का चारों ओर का वातावरण शांति और समर्पण का अनुभव कराता है। यहां की हर एक शिला में भावनाएं और भक्ति भरी हुई हैं।

दिलवाड़ा मंदिर के प्रमुख मंदिर

दिलवाड़ा मंदिर में मुख्यतः पाँच मंदिर हैं जो जैन धर्म के विभिन्न तीर्थंकारों को समर्पित हैं:

1. **कुंडलिया मंदिर**: सबसे प्रमुख मंदिर है, जो भगवान आदिनाथ को समर्पित है।
2. **पंचेश्वर मंदिर**: भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है, इसकी विशेषता इसकी विस्तृत शिल्पकला है।
3. **अभिनंदन मंदिर**: यह मंदिर भगवान नमिनाथ को समर्पित है और यहां विशेष पूजा की जाती है।
4. **राजकुमारी मंदिर**: यह मंदिर भगवान पार्श्वनाथ और आदिनाथ दोनों को समर्पित है।
5. **नकुलेश्वर मंदिर**: यह मंदिर आध्यात्मिक और शैक्षणिक महत्व रखता है।

अद्भुत तथ्य

दिलवाड़ा मंदिर अपने इतिहास और वास्तुकला के अलावा कुछ अद्भुत तथ्यों के लिए भी जाना जाता है:

– **शिल्प का बेजोड़ नमूना**: इस मंदिर की शिल्पकारी को देखने वालों के लिए यह एक अद्भुत अनुभव होता है। हर एक नक्काशी अद्वितीय होती है और इसे बनाने में कई वर्षों का समय लगा है।

– **धार्मिक महत्ता**: दिलवाड़ा मंदिर को पूरे भारत में जैन अनुयायियों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह हर साल लाखों श्रद्धालुओं का ध्यान खींचता है।

– **संरक्षण और संरक्षण**: दिलवाड़ा मंदिर का संरक्षण भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाता है, जो इसे प्राचीन भारतीय वास्तुकला का एक जीवंत उदाहरण बनाता है।

यात्रा करने का समय और पहुंच

दिलवाड़ा मंदिर साल भर खोल रहता है, लेकिन सर्दियों के मौसम (नवंबर से फरवरी) में यहां जाना सबसे अच्छा होता है। इस समय मौसम Pleasant रहता है और आप मंदिर के सौंदर्य का पूरा आनंद ले सकते हैं।

माउंट आबू देश के अन्य बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां पहुँचने के लिए आप सड़क, रेल या वायुसेवा का उपयोग कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा उदयपुर में हैं।

शिक्षा और जागरूकता

दिलवाड़ा मंदिर का दौरा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं है, बल्कि यह एक ज्ञानवर्धक अनुभव भी है। यहां उपस्थित शिल्प, नक्काशी और भवन निर्माण की तकनीक भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां आने वाले लोग अक्सर अपने अनुभवों को साझा करते हैं और यह स्थानीय संस्कृति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर भी देता है।

निष्कर्ष

दिलवाड़ा मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। इसकी रचनात्मकता, इतिहास, और सांस्कृतिक महत्त्व इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं। यदि आप माउंट आबू की यात्रा पर जा रहे हैं, तो दिलवाड़ा मंदिर को अपने यात्रा कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें।

यदि आप और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप इस लिंक पर जा सकते हैं: https://www.tourism.rajasthan.gov.in/dilwara-temples.html

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By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

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