आज के ज़माने में औरत किसी से कम नहीं है और ना ही कभी थी। वह हर एक क्षेत्र में बख़ूबी अपना नाम कमा रही है। लेकिन फिर भी न जाने क्यूँ आज भी कई लोग यह बात नहीं समझते। वे लोग आज भी औरतों को कमजोर समझते है।

मगर वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो हर तरीके से औरतों को उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग करते है, उनकी मदद करके उनको मजबूत बनाते है।

असली औरत कौन होती है? | क्या आप जानते हो Who is Real Women?

असली औरत या लड़की कौन होती है?
लेकिन क्या आप जानते है की एक असली औरत कौन होती है? वह क्या सोचती है। वह इतनी मजबूत क्यूँ और कैसे बनती है? आयें जानते है इस पोस्ट में की कौन होती है एक असली औरत?

कौन होती है एक असली औरत?

क्यूंकि वो एक औरत है, उसको किसी भी तरह खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। एक असली औरत यह बात कभी नहीं सोचती की वह शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से कमजोर है, किसी भी मर्द से और ना ही यह सोचती है की मर्द ज्यादा कमजोर होते है और में मजबूत…

वह अपने शारीरिक शक्ति पे काम करती है। खुद को मजबूत बनती है। प्राणायाम करती है, मेहनत करती है, और मानसिक रूप से भी अपने ज्ञान को बढाती है। अपने मानसिक विकास पर ध्यान देती है, अपनी बुद्धि की मजबूती पर ध्यान देती है, क्यूंकि वह यह बात बख़ूबी जानती है की इस एक अच्छा जीवन जीने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना बेहद ही बहुत जरूरी है।

शारीरिक जीवन में बुद्धि का बल बहुत ऊँचा होता है। यह बात वह अच्छे से जानती है, क्यूंकि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत ना हो, लेकिन अगर उसका बुद्धि का बल मजबूत है तो वह हज़ारों क्या लाखों लोगों पर राज कर सकता है।

एक असली औरत खुद को किसी से कमजोर नहीं समझती है। वह खुद को समय के साथ-साथ सुधारने में मेहनत करती है। खुद को और बेहतर बनाने में काम करती है। इसलिए वह खुद को कमजोर नहीं समझती है। जो खुद को कमजोर मानती है, तो वो तो वैसे भी और लोगो से कमजोर बन ही जाती है और वो इसलिए क्यूंकि वो ऐसा सोच ही लेते है की वे औरों से कमजोर है। अपनी बुद्धि के बल पर वे खुद को कमजोर समझने लगती है और फिर उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है।

इसलिए अगर आप अपनी सोच को बदलेंगे, अपनी सोच को मजबूत बनाएँगे तो आप खुद भी औरों से मजबूत बनेंगे और अच्छा जीवन भी जिएंगे।

एक असली औरत मजबूत कैसे बनती है?

एक असली औरत ऐसा कभी नहीं सोचती है की पहले मेरे माँ-पिता, भाई ने मेरा ख्याल रखा, अब पति मेरा ख्याल रखेगा, फिर मेरे बच्चे मेरा ख्याल रखेंगे … नहीं नहीं नहीं बिलकुल भी नहीं… एक सच्ची औरत या लड़की कभी किसी दूसरे पर निर्भर नहीं होती है, वह विनम्र नहीं होती है, वह खुद को किसी के हवाले नहीं करती है, और ना ही दूसरों के भरोसे जीती है।

वह खुद के भरोसे जीती है, एक लक्ष्य तय करती है, आत्मनिर्भर बनने का और उस चीज पर मेहनत भी करती है काम करती है। खुद को मजबूत बनाती है, अपने खर्चे-पानी का खर्चा खुद उठाने का दम रखती है। अपना खुद का ख्याल रखने का दम रखती है। वह सोचती है की मेरा आत्मनिर्भर होना बहुत ज़रुरी है, क्योंकि कल का क्या भरोसा मेरी किसी से बने या ना बने अपने भविष्य को मजबूत बनाती है, ताकि कल को किसी की बदतमीजी, किसी की गाली या घुट-घुट कर जीना ना पड़े।

एक असली और मजबूत नारी या लड़की दूसरों से करवाती नहीं बल्कि खुद का भी करती है और दूसरों का भी करके चलती है क्यूंकि उसके अंदर एक आत्मविश्वास, एक इच्छाशक्ति होता है, खुद के दम पर जीवन जीने की…

एक औरत कभी भी कसी भी तरह खुद को मर्दो से कमजोर नहीं समझती है।

क्या एक असली औरत अपने औरत होने का फ़ायदा उठती है?

इस मुद्दे पर की क्या असली औरत अपने औरत होने का फ़ायदा उठती है? बात करना बेहद ही ज़रूरी है…

बहुत सी लड़कियाँ या औरतें अपने नारीत्व का गलत फ़ायदा उठतीं है। वह अपने औरत या लड़की होने का  फ़ायदा उठा के मर्दों को आकर्षित करके या अपने शरीर का इस्तेमाल करके आगे बढ़ जातीं हैं या कुछ काम करवा लेती है।

किसी मासूम लड़कों या मर्दों को अपने फ़ायदे के लिए उन पर झूठे इल्ज़ाम लगाती हैं या उन्हें आरोपी बनाती हैं क्यूंकि वह स्री है और समाज उनपर विश्वास करता है, उनकी सुनता है…

अगर कोई भी औरत या लड़की ऐसे काम करती है, अपने स्त्री होने का या स्त्री के शरीर होने का नाजायज़ फ़ायदा उठा के किसी पे इल्जाम लगा रही है या नाजायज़ तरीके से आगे बढ़ रही है… तो ऐसे इंसान से बेकार बदत्तर इंसान कोई नहीं हो सकता है।

ऐसा इंसान बिलकुल चरित्रहीन है। फिर चाहे वो आपकी अपनी ही क्यों ना हो… वह जिस किसी के साथ भी ऐसा नाजायज़ काम कर रही है, तो इससे बड़ा पाप कोई भी नहीं हो सकता है… और इस बात का ख़ास ध्यान रखना की वह कल को आपके साथ भी ऐसा कर सकती है। ऐसे इंसान से दूर रहें और ना ही ऐसे किसी भी इंसान का सहयोग करें।

ऐसी हरकतें करने वाली लड़की या औरत खुद का ही नाजायज़ इस्तेमाल करती है, खुद को एक शरीर समझती है। उससे निम्न स्ठर का स्वाभाव जीवन जीने का तरीका नहीं हो सकता है। और कितने शर्मिंदगी की बात है की ऐसे औरतों या लड़कियों की वजह से जो हज़ारों लाखों और ना जाने कितनी मासूम औरतों या लड़कियों का नाम ख़राब होता है… और यही वजह है की उन पर लोग विश्वास करने से भी डरते है।

अगर ऐसा कोई कर रहा है तो कृपया ऐसा बिलकुल भी ना करें। इससे आपकी छवि ख़राब होगी और आप अच्छे इंसान नहीं कहलाओगे। ऐसा ना करने से आपका व्यक्तित्व मजबूत होगा और आप एक मजबूत औरत या लड़की बनोगी। अपने महत्व, अपनी नैतिकता से साथ, हिम्मत के साथ खड़ी रहोगी अपने आप को एक शरीर नहीं समझोगी, खुद को एक इंसान समझोगी, जिसके प्रति पुरुष आकर्षित होते है।

एक असली औरत या लड़की को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए?

आज तक यही सुनते आए है औरत तो त्याग की देवी होती है… औरत तो भगवान का रूप है… नहीं नहीं नहीं … ऐसा बिलकुल भी नहीं है। औरत ना तो कोई त्याग की देवी है, ना तो भगवान है, ना तो देयधन, संम्पति या किसी का सामान है वो सिर्फ एक आम इंसान है जैसे कोई मर्द है।

इसलिए ना तो उसे अपने सपनों को, अपने जूनून को त्यागने की जरुरत है, दूसरों के लिए आपको ऐसा नहीं करना है। यह आपका जीवन है इसे अपने शर्तों पर जियो। अपने सपनों को पूरा करो। उसके लिए मेहनत करो। इसके साथ ही परिवार का भी ध्यान रखो और खुद का भी ख्याल रखो।

ये नहीं के दुनिया वालों ने कह दिया की ये औरत तो त्याग की देवी है तो इसी उपाधि के साथ कई औरतें शादी होने के बाद अपना कैरियर, अपने सपने त्याग देतीं है क्यूँ ? क्यूंकि बच्चों का ध्यान रखना है, ससुराल वालों का ध्यान रखना है, वो तो त्याग की देवी है ना…

नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है… ये औरत तो त्याग की देवी है…सिर्फ इस उपाधि के लिए अपने जीवन को बर्बाद नहीं करना है।

आप अपने आप को बहुत ख़ास या महान मत समझो, आम समझो और एक आम इंसान की तरह अपने सपनों का, अपनी ख़ुशी का ख्याल रखो, और खुल कर जिओ इतना स्वार्थरहित बनने जरुरत नहीं है।

हर इंसान के जीवन में कोई ना कोई शौक होने चाहिए, कुछ लक्ष्य होना चाहिए, कुछ जुनून होना चाहिए, वो आत्मनिर्भर होना चाहिए, इससे उस व्यक्ति के जीवन में प्रेरणा बनी रहती है। कुछ करने की इच्छा रहती है। ऊर्जा बनी रहती है। इससे वह अपने जीवन से परेशान नहीं होते।

बहुत सी महिलाऐं ऐसी भी है जो दिन-रात लोगो के लिए लगीं रहतीं हैं। उनके लिए काम करतीं हैं और बदले में उनको क्या मिला है… “ताने” इतना सबकुछ करने के बाद भी उन्ही में कमियां निकालते है लोग और फिर क्या होता है, वो यही सोचती है की “इतना सबकुछ कर रही हूँ, जी-जान से फिर भी सुनने को मिलता है”  एक पूरे दिन में अपने लिए एक मिनट का भी समय नहीं निकालती खुद के लिए नहीं सोचती।

एक कैद में जीती रहती है। फिर क्या होता है… धीरे-धीरे उनका जीवन जीने के लिए जीवन से मन उचट जाता है। लेकिन आपको ऐसा नहीं बनना है। आपको दूसरों के साथ-साथ अपने लिए भी समय निकलना है और अपना भी ध्यान रखना है। एक असली औरत ऐसे नहीं जीती वो अपना भी ख्याल रखती है खुल के जीती है।

अगर आपको नहीं समझ आ रहा है की क्या करना चाहिए जीवन में, तो एक दिन, दो दिन, तीन दिन खुद के लिए समय निकालो और देखो, जानो, परखो की किस चीज़ से आपको ख़ुशी मिलती है। ऐसा क्या है जिसको करने से आपको ख़ुशी मिलती है, आप मस्त हो जाते हो, मगन हो जाते हो उस काम को करते वक्त, तो उसी को अपना पैशन बना लो और देखो की कैसे उसको आप अपने काम में ला सकते हो जिससे अगर आप कमाना चाहो तो कमा सकते हो। अपना खुद का बिज़नेस बना सकते हो।

एक असली औरत या लड़की के लक्षण

असली औरत या लड़की कौन और कैसी होती है? | क्या आप जानते हो Who is Real Women?

एक असली औरत या लड़की के लक्षण

एक वास्तविक महिला के लक्षण | Signs of a real woman

  • असली महिला कभी खुद को कमजोर नहीं समझती है।
  • वह हर मुसीबत में डटकर सामना करती है।
  • वह कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करती है और ना ही कभी ऐसा करने की सोचती है।
  • वह सबकी मदद करने में सबसे आगे रहती है।
  • एक असली महिला कभी छोटी-छोटी बातों को लेकर नहीं बैठती वह हमेशा कुछ बहुत अच्छा करने के बारे में सोचती है।
  • एक असली औरत कभी अपनी पुरानी बातों को लेकर अपना समय नहीं गवाती वह अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सोचती है, अपने आस-पास लोगों को कैसे आगे बढ़ाना है कैसे बेहतर करना इसके लिए योजनाएं बनाती है।
  • एक सच्ची औरत कभी हार नहीं मानती, वह बहुत हिम्मती होती है।
  • एक सच्ची औरत बहुत मजबूत होती है वह खुद पर बहुत मेहनत करती है। वह किसी से खुद को कमजोर नहीं समझती है।
  • एक सच्ची औरत कभी किसी पे निर्भर नहीं रहती है वह आत्मनिर्भर होती है। लोग चाहे उसे कितना भी तोड़े आगे बढ़ने के लिए रोके लेकिन वह कभी हार नहीं मानती बहादुरी से डटकर सामना करती है और अपने सपनों को पूरा करती है।
  • एक असली औरत सही को सही और गलत को गलत बोलने का भी दम रखती है। वह गलत बात को सहन नहीं करती हैं सही का रास्ता चुनती है और उसको सही करने की भी कोशिश करती है।
  • एक स्वाभिमानी औरत अपने लक्ष्यों और बुलंद इरादों के साथ अपने अस्तित्व की रक्षा भी करती है और आत्मनिर्भर और स्वालंबी बनकर आत्मसम्मान के साथ जीती भी है।
  • असली नारी वह है जो जीवन की वास्तविकता के साथ रहती है, अपने जीवन को स्वीकार करती है क्योंकि वह शरीर नहीं बल्कि एक अच्छी इंसान है।

  • एक असली औरत कभी घमंड नहीं करती फिर चाहे वो कितने ही ऊँचे पद पर क्यों ना हो, वह खुद तो अपने ऊपर काम करती ही है बल्कि और लोगों को भी सही राह दिखाती है, उनका सहारा बनती है।

By Aparna Patel

Aparna (www.womenday.in) is the founder, she started her writing career in 2018. She has another site named (www.hollymelody.com) where she publishes travel related articles where she has published more than 1000+ articles. Aparna likes to write on various subjects.

One thought on “असली औरत या लड़की कौन और कैसी होती है? | क्या आप जानते हो Who is Real Women?”
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